अयोध्या नगर निगम ने शहर की गायों को ब्लेजर यानि खास जैकेट पहनाने का फैसला किया है | यह फैसला अयोध्या नगरी के साधुओं के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया।
अयोध्या नगर निगम के कमिश्नर नीरज शुक्ला के मुताबिक यह फैसला तीन चरणों में लागू किया जाएगा। गायों को ब्लेजर यानी कोर्ट बनाने की शुरुआत नगर निगम की गौशाला से की जाएगी जिसमें इस वक्त 1,100 गाय और 100 बछड़े रहते हैं। यह गौशाला बेसिंहपुर गांव में बनाई गई है।
नीरज शुक्ला के मुताबिक शुरुआत में 100 बछड़ों को ब्लेजर पहनाया जाएगा जिस पर 250 रुपये से 300 रुपये प्रति ब्लेजर खर्च आएगा | अगले दो चरणों में गायों को भी ही कोट पहना दिए जाएंगे।
काऊ कोट यानी गायों को पहनाए जाने वाले ब्लेजर के भीतर सॉफ्ट यानी नरम कपड़ा लगाया गया है जिसके भीतर फोम भरा जाएगा और किनारियां जूट से तैयार की जाएगी। गरम कोट का मजा सिर्फ बछड़ा और गाय ही नहीं ले पाएंगे बल्कि यह सुविधा शहर में घूमने वाले आवारा सांडों को भी दी जाएगी।
अयोध्या नगर निगम द्वारा चलाई जा रही गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जूट के परदे भी लगाए जाएंगे |गौशाला में तापमान नियंत्रित करने के लिए अलावा भी जलाया जाएगा।
एक अनुमान के मुताबिक अयोध्या में 5000 आवारा पशु है इनमें ज्यादातर गाए हैं | फिलहाल आवारा सांडों की गिनती नहीं की गई है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक 7000 सांड भी धर्म नगरी में भी विचरते हैं।
एक अनुमान के मुताबिक अयोध्या में गौमाता को गरम कोट पहनाने पर 30 लाख रुपये का खर्चा आएगा।
अयोध्या के भिखारियों से तो आवारा गाय ज्यादा किस्मत वाली
एक अनुमान के मुताबिक अयोध्या में 4000 से ज्यादा भिखारी रहते हैं जो सर्दियों में इधर-उधर ठिठुरते रहते हैं | भिखारियों के अलावा इस धर्म नगरी में 6000 से ज्यादा ऐसे धार्मिक यात्री भी आते हैं जो काफी गरीब होते हैं जिनके पास होटल में ठहरने का किराया नहीं होता।
अयोध्या नगर निगम ठंड में ठिठुर रही गायों की फिक्र तो कर रहा है लेकिन उसे इंसानों की कोई फिक्र नहीं है | अगर फिक्र होती तो गायों से पहले इंसानों के लिए गर्म कपड़ों की व्यवस्था की जाती।
खैर भारत में गायों को सर्दियों में जैकेट या गरम कोट पहनाने की इस योजना को राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है | लेकिन विदेशो में पालतू पशुओं को ठण्ड से बचाने के लिए काऊ कोट या जैकेट पहनना आम बात है | इंसानों की तरह ही पशुओं को भी ठण्ड लगती है |